Thursday, May 20, 2021

Mahatma gandhi hindi essay

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 · Short Essay on 'Mahatma Gandhi' in Hindi | 'Mahatma Gandhi' par Nibandh ( Words) in Famous Personalities of India, Freedom Fighters of India. महात्मा गाँधी 'महात्मा गाँधी' का जन्म 2 अक्टूबर सन में पोरबंदर में हुआ था  · Essay On Mahatma Gandhi In Hindi And English Language: M.K. Gandhi is Indian freedom fighter and great man in the Indian history. Mahatma Gandhi is ideal for the crore of people all around world & India. here we are providing Mahatma Gandhi In Hindi and Mahatma Gandhi In the English Language for students and kids. they read in class 1,2,3,4,5,6,7,8,9, Estimated Reading Time: 2 mins Short essay on dasara in kannada for in class essay Mahatma 7 hindi gandhi report format essay sample tamil essay about plastic pollution, free essay reddit, how to evaluate sources for a research paper case study vs case history essays of communication technology, what is an abstract in research paper, essay on vase painting essay on discipline class 6 claim of fact essay



Hindi Essay on Mahatma Gandhi: महात्मा गाँधी पर हिंदी में निबंध - Hindipool



mahatma gandhi hindi essay ऑन महात्मा गाँधी इन हिंदी पॉइंट वाइज दोस्तों अगर आप एक स्टूडेंट है. तो आपको निबंध लिखने में थोड़ा दिकत जरूर आती होगी खेर अगर आप महात्मा गाँधी पर निबन्ध लिखना चाहते है Mahatma Gandhi Essay in Hindi तो में आपको बताऊंगा की Mahatma Gandhi Par Nibandh Kaise Likhe और ये mahatma gandhi essay in hindi for class 4 से लेकर 12th तक स्टूडेंट के लिए बेस्ट होगा बस आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना है।, mahatma gandhi hindi essay.


महात्मा गांधी अभी के युग में सर्वोत्तम पुरुष थे जिन्होंने अपनी विचारधारा से पूरे समाज में एक अनोखा बदलाव लाया और लोगों को जीने का नया तरीका सिखाया। महात्मा गांधी ने पूरे विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाया और लोगों को अहिंसा के रास्ते में चलने के लिए प्रेरित किया और लोगों को अपने हक के लिए लड़ने और अपने लोगों की सहायता करने के लिए प्रेरित किया।, mahatma gandhi hindi essay.


महात्मा गांधी Mahatma Gandhi हमारे देश के राष्ट्रपिता हैं उन्होंने हमारे देश के लिए अनेकों बलिदान दिए आज जो हम आजाद देश के हवा में सांस ले रहे हैं हमारी देश की इस आजादी में महात्मा गांधी जी का बहुत ही अहम भूमिका है। उनके अहिंसा वादी आंदोलन और सत्याग्रह आंदोलन के सामने अंग्रेजों ने घुटने टेक दिए।.


महात्मा गांधी Mahatma Gandhi का जन्म 2 अक्टूबर में गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी है। महात्मा गांधी का जन्म एक बहुत ही सामान्य परिवार में हुआ था.


महात्मा गांधी अपने पिता के चौथी पत्नी के पुत्र थे महात्मा गांधी के पिता जी का नाम करमचंद गांधी है और उनकी माता जी का नाम श्रीमती पुतलीबाई है. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi की माता जी बहुत ही धार्मिक विचारधारा की थी. उन्होंने महात्मा गांधी को mahatma gandhi hindi essay religion के रास्ते पर चलने का आदेश दिया था महात्मा गांधी बचपन से ही बहुत ही आदर्शवादी और दयालु थे.


उन्होंने अपने जीवन में श्रवण के माता पिता की भक्ति के विचार को बहुत ही अच्छे से उतार लिया था. वह अपने माता जी का बहुत ही ख्याल रखते थे और अपने पिताजी का हर काम में मदद करते थे. एक बार उनके पिताजी ने उन्हें राजा हरिश्चंद्र की कहानी सुनाएं जिसमें उन्होंने बताया कि राजा हरिश्चंद्र ने बहुत ही बलिदान दिया और सत्य ने ही उन्हें महान बनाया, mahatma gandhi hindi essay. उसी वक्त से महात्मा गांधी ने यह प्रण लिया कि वह जीवन भर सत्य की राह पर चलेंगे mahatma gandhi hindi essay कुछ भी हो वह असत्य की राह पर कभी नहीं चलेंगे.


आज सत्याग्रह आंदोलन के कारण ही हम आजाद देश में रह पा रहे हैं. गाँधीजी हमेशा ईमानदारी कि राह पर चले उनके जीवन में दो ऐसी घटनाएं हैं जिससे हमें सीख लेनी चाहिए. पहली घटना जोकि महात्मा गांधी के विद्यालय में घटी थी. एक बार उनके विद्यालय में किसी विषय का परीक्षा आयोजित कराया गया था.


जिसका निरीक्षण विद्यालय के कोई वरिष्ठ अधिकारी senior officer कर रहे थे. महात्मा गाँधीजी Mahatma Gandhi उस विषय में थोड़े कमजोर थे और उस परीक्षा में कुछ लिख नहीं पा रहे थे. तब उनके शिक्षक ने कहा कि तुम चोरी करके इस परीक्षा में कुछ लिखो पर महात्मा गांधी जी ने ऐसा नहीं किया. जब उनके शिक्षक ने गाँधीजी से पूछा कि तुमने चोरी करके क्यों नहीं लिखा तो महात्मा गांधी जी ने कहा गुरु जी अगर मैं चोरी करके लिख लेता तो यह मैं खुद के साथ धोखा करता.


मैं उस विषय के बारे में नहीं जानता हूं. तो उस विषय की परीक्षा में अच्छा अंक लाकर क्या करूंगा, mahatma gandhi hindi essay. अब मैं इस विषय की तैयारी बहुत अच्छे से करूंगा और इसके परीक्षा में अच्छे अंक जरूर लाऊंगा.


उनके गुरु जी ने उनसे कहा ईमानदारी तुम्हें एक महान व्यक्ति बनाएगी. एक बार गांधी जी ने अपने घर से सोने का कुछ जेवर चुराया और उसे बेचकर अपना कर्ज चुकाया था.


पर चोरी कि वह बात उन्हें दिन रात सताने लगी. उन्होंने यह निश्चय किया कि वह अपने पिताजी को चोरी की यह बात जरूर बताएंगे और अपनी गलती को मानेंगे.


पर वह अपने पिताजी से कह नहीं पा रहे थे. तब उन्होंने अपने पिताजी को एक पत्र लिखा और उस पत्र में उन्होंने अपनी सारी बात बताई. जब उनके पिताजी को यह पत्र मिला तो उनके पिताजी का आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने गांधी जी को अपने पास बुलाया और कहा बेटा तुमने चोरी करके गलत किया पर तुम्हारे अंदर अपनी गलती को स्वीकार करने की एक अद्भुत शक्ति है और यह तुम्हें एक महान इंसान बनाती है.


गलती सभी करते हैं पर गलती स्वीकार करने की शक्ति बस बहुत ही बहादुर लोगों के पास होती है, mahatma gandhi hindi essay. गांधी जी की शादी बहुत ही कम उम्र में हुई थी उनकी शादी 13 वर्ष कस्तूरबा गांधी के साथ करवाई गई थी. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi ने में mumbai university मैट्रिक की परीक्षा पास की और आगे की पढ़ाई के लिए गुजरात के भावनगर में mahatma gandhi hindi essay श्याम लाल दास कॉलेज में दाखिला ली. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजराती भाषा से पूरी की थी. पर अब आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करनी थी जिसके कारण शुरुआत के दिनों में उन्हें बहुत ही परेशानी हुई.


उनके घर वालों को उनके भविष्य की चिंता होने लगी. गांधीजी एक डॉक्टर बनना चाहते थे पर उनके पिताजी चाहते थे कि गांधी जी गुजरात के किसी बड़े राजघराने में एक अच्छे पद पर नौकरी करें और उस पद पर नौकरी करने के लिए उन्हें बैरिस्टर की डिग्री लेनी जरूरी थी. तब उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड में दाखिला लिया और वह इंग्लैंड चले गए. सितम्बर को वे इंग्लैंड पहुंच गए.


इंग्लैंड में 10 दिन रहने के बाद उन्होंने inner temple college में admission लिया. वहां से उन्होंने अपनी बैरिस्टर की डिग्री पूरी की.


भारत में 2 साल वकालत की प्रैक्टिस करने के बाद जब उन्हें लगा कि अब उन्हें यहां वकालत में एक mahatma gandhi hindi essay अवसर प्राप्त नहीं होगी तो उन्होंने में में जाकर वकालत की प्रैक्टिस शुरू की. वहां पर उन्होंने सबसे पहले एक व्यापारी के लिए मुकदमा लड़ा था. दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी 21 साल तक रहे हैं वहां उन्होंने राजनीति mahatma gandhi hindi essay समझा मानव अधिकार के नियमों को समझा.


गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रंग के आधार पर भेदभाव को महसूस किया दक्षिण अफ्रीका में mahatma gandhi hindi essay के साथ बहुत ही mahatma gandhi hindi essay भेदभाव किया जा रहा था.


एक बार गांधीजी ट्रेन में सफर कर रहे थे mahatma gandhi hindi essay टिकट AC1 की ticket थी, mahatma gandhi hindi essay. पर उन्हें वहां बैठने नहीं दिया गया यह कहकर कि यहां पर सिर्फ अंग्रेज लोग बैठ सकते हैं जब महात्मा गांधी Mahatma Gandhi ने इस बात का विरोध किया तो उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया, mahatma gandhi hindi essay. दक्षिण अफ्रीका में भी ब्रिटिश सरकार का शासन चल रहा था वहां भी भारतीयों और काले लोगों के खिलाफ बहुत सारे क्रूर और मानव अधिकार छीनने वाले कानून लाए जा रहे थे गांधी जी ने इन कानूनों का विरोध करना शुरू किया.


इस घटना के बाद गांधी जी ने मानव अधिकार और रंग के भेदभाव को दूर करने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक आंदोलन शुरू कर दिया.


यह आंदोलन 7 वर्षों तक चला, mahatma gandhi hindi essay. दक्षिण अफ्रीका में 7 साल संघर्ष चलने के बाद वहां भारतीयों को और काले रंग के लोगों को वोट देने का अधिकार और बोलने का अधिकार प्राप्त हुआ. उनको उन सारी मानव अधिकार प्राप्त हुए जो कि वहां के श्वेत लोगों के पास थी. भारत में इस समय तक अंग्रेजों का अत्याचार की समस्या काफी बढ़ गया था. उन्होंने हमारे देश के किसानों और लोगों पर बहुत अत्याचार करना शुरू कर दिया था अंग्रेजो ने हमारे किसानों की जमीनों को छीन लिया और उन्हें कर्ज में डूबा दिया.


किसानों के ऊपर बहुत ज्यादा बोझ डाल दिया. अंग्रेजों ने किसानों से जबरदस्ती नील की खेती करवाई. अंग्रेजों ने जबरदस्ती हमारे किसानों का और हमारे देश के लोगों को जेल में बंद कर दिया जो भी उनके खिलाफ विरोध किया उनकी आवाज को कुचल दिया गया. इस समय तक हमारे देश में गांधीजी की दक्षिण अफ्रीका के आंदोलन की चर्चा बहुत होने लगी तब गांधी जी को भारत वापस आने का आग्रह किया गया.


गांधीजी भारत वापस आए देशवासियों ने उनका बहुत ही हार्दिक और शानदार स्वागत किया और देशवासियों के मन में एक आस जगी कि हर व्यक्ति हमें अंग्रेजों की क्रूरता से आजादी दिलाएगा. भारत आते ही उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा वादी आंदोलन शुरू कर दिया, mahatma gandhi hindi essay. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi जी ने ऐसे कई आंदोलन की जिसमें उन्होंने हमारे किसान और हमारे देशवासियों के लिए अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठा गांधीजी को इन आंदोलन के वजह से कई बार जेल में भी रहना पड़ा पर फिर mahatma gandhi hindi essay उन्होंने कभी हार नहीं मानी हमारे देश और हमारे देशवासियों के लिए हमेशा लड़ते रहे.


इस हत्याकांड में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi ने इस निर्मम हत्या कांड के खिलाफ एक असहयोग आंदोलन शुरू किया. हमारे देश के लाखों लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन किया और इस आंदोलन में गांधीजी का साथ दिया जिससे ब्रिटिश सरकार को एक बहुत बड़ा झटका मिला और यह आंदोलन बहुत ही सफल हुआ. चोरी चोरा आंदोलन की वजह से गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया क्योंकि चोरी चोरा में किसानों ने अंग्रेजी पुलिस थानों में जाकर आगजनी की जिसमें बहुत से पुलिसवाले मारे गए गांधी जी ने उसी वक्त इस आंदोलन को वापस ले लिया उन्होंने कहा मैंने यह आंदोलन अहिंसा के रास्ते पर शुरू किया था.


इसीलिए उन्होंने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया था. जब अंग्रेजों ने नमक पढ़कर बढ़ा दिया तब गांधी जी ने 12 मार्च को साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिन के पैदल यात्रा शुरू की जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार का नमक पर जो एकाधिकार mahatma gandhi hindi essay कानून लाया गया था. उसके खिलाफ आवाज उठाई उन्होंने कहा नमक हमारे लिए आधारभूत खाद्य सामग्री है और इसमें सभी मनुष्यों का एक समान अधिकार है, mahatma gandhi hindi essay.


हमारे देश में उस वक्त दलितों के साथ बहुत भेदभाव किया जा रहा था जैसे कि उन्हें सार्वजनिक जगहों पर आने जाने की अनुमति नहीं थी उनके साथ लोगों छुआछूत जैसी जघन्य भेदभाव Heinous discrimination करते थे. दलितों को उन जगहों पर जाने की अनुमति नहीं थी जहां पर बड़े वर्ग के लोग जाते थे, mahatma gandhi hindi essay. इस भेदभाव का पुरजोर विरोध किया और हमारे लोगों को समझाया कि हमें अभी एकता की जरूरत है अगर हम अपने लोगों के साथ एक नहीं रहेंगे, mahatma gandhi hindi essay.


तो हमें आजादी कभी नहीं मिलेगी. अंग्रेजों की फूट करो और राज करो की नीति और वह इसी नीति के तहत हमारे देश में शासन कर रहे थे. बिहार के चंपारण जिले में अंग्रेजों ने गरीब किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा किया और उनसे जबरन नील की खेती करवाई गई नील की खेती का उन्हें बहुत कम मूल्य दिया जाता था और उन पर बहुत ज्यादा कर्ज भी थोप दिया गया था इस वजह से वहां के किसान बहुत ही परेशान थे. तब चंपारण के किसान ने गांधी जी को पत्र लिखा और वह गांधीजी साबरमती गांधी जी ने आश्वासन दिया कि वह चंपारण जाएंगे और वहां के किसानों की समस्या का निवारण करेंगे.


गांधीजी चंपारण के वहां उन्होंने डॉ राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात की और किसानों के समस्या के mahatma gandhi hindi essay में जाना और फिर उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ एक अवज्ञा आंदोलन शुरू किया. गांधी जी Gandhi Ji ने 8 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की यह आंदोलन उन्होंने कांग्रेस का मुंबई अधिवेशन की बैठक से शुरू की. इसी आंदोलन के तहत 15 अगस्त को हमारे देश को आजादी मिली.


अंग्रेजों ने गांधी जी के दृढ़ संकल्प और निर्णय के सामने घुटने टेक दिए और हमारे देश को छोड़ कर चले गए. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि गांधी जी को राष्ट्रपिता की mahatma gandhi hindi essay किसने दी पर बहुत लोगों का मानना है कि गांधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि रविंद्र नाथ टैगोर ने दी.


तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा की महात्मा गाँधी पर निबन्ध Mahatma Gandhi Par Nibandh Kaise Likhe और ये mahatma gandhi essay in hindi अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना।.


गांधी जी के जीवन से हमें बहुत ही महत्वपूर्ण शिक्षा मिलती है कि हमें अपने परेशानियों से डरना नहीं चाहिए हमें उस परेशानियों के खिलाफ लड़ना चाहिए और अपने आप को मजबूत रखना चाहिए। हमें कभी जिंदगी में झूठ नहीं बोलना चाहिए अगर हमने गलती की है तो हमें गलती को स्वीकार करना चाहिए।, mahatma gandhi hindi essay.


हमें लोगों की मदद करनी चाहिए और अपने लक्ष्य के लिए दृढ़ संकल्प हमेशा रहना चाहिए। गांधी जी के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती mahatma gandhi hindi essay हमें बुराई के खिलाफ लड़ना चाहिए और हमारे लोगों का साथ हमेशा देना चाहिए।.


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10 lines on Mahatma Gandhi in hindi -- 10 lines Mahatma Gandhi speech in hindi

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